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आखिर JNU में ऐसा क्या है जो वहां देशद्रोही ही ज्यादा पैदा हुए ?

आखिर JNU में ऐसा क्या है जो वहां देशद्रोही ही ज्यादा पैदा हुए ???????

जानिए एक उदाहरण से कि ये जेएनयू यूनिवर्सिटी किस तरह विदेशी शिकंजे में है ???

आपको मैं एक उदाहरण दे रहा हूं , ऐसे कई गुप्त रहस्य जेएनयू से जुडे हैं

एक था कम्युनिस्ट,
नाम था कामरेड सज्जाद जहीर,
लखनऊ में पैदा हुए. 
ये मियाँ साहब, पहले तो Progressive Writers Association, यानि अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के रहनुमा बनकर उभरे , आज भी इनके परिवार के लोग फेसबुक ओर अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से देश ,भाजपा, संघ, हिन्दू विरोधी मुहिम चलाई हुई है , आप चाहें तो इनके लोगों द्वारा बनाया फेसबुक पेज खोलकर, इनकी जहरीली मानसिकता से परिचित हो सकतें है ၊

इन्होंने अपनी किताब अंगारे से इन्होने अपने लेखक होने का दावा पेश किया.

बाद मे ये सज्जाद जहीर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा बने, मगर बाबू साहब की रूह मे तो इस्लाम बसता था, इसीलिए 1947 मे नये इस्लामी देश बने, पाकिस्तान मे जाकर बस गये, इनकी बेगम रजिया सज्जाद जहीर भी उर्दू की लेखिका थी.

सज्जाद जहीर, 1948 मे कलकत्ता के कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन मे भाग लेने कलकत्ता पहुँचे, और वहाँ कुछ मुसलमानो ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अलग होकर CPP यानि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान का गठन कर लिया, जो बांग्लादेश मे तो फली - फूली,
मगर पाकिस्तान मे, सज्जाद जहीर, मशहूर शायर लेखक फैज अहमद फैज, शायर अहमद फराज, रजिया सज्जाद जहीर, और कुछ पाकिस्तानी जनरलो ने मिलकर रावलपिंडी षडयंत्र केस मे पाकिस्तान मे सैन्य तख्ता पलट का प्रयास किया और पकडे जाने पर जेल मे डाल दिये गये। सज्जाद जहीर, अहमद फराज और फैज अहमद फैज को लंबी सजाऐ सुनाई गई.

जेल से रिहा होने के बाद सज्जाद जहीर भारत आया और खुद को शरणार्थी घोषित करके कांग्रेस सरकार से भारतीय नागरिता मांगी और कांग्रेस सरकार ने सज्जाद को भारतीय नागरिकता दे भी दी ၊

अब आगे की कथा सुनिये,
इन मियाँ साहब, सज्जाद जहीर और रजिया जहीर की चार बेटियाँ थी.

1- नजमा जहीर बाकर, पाकिस्तानी सज्जाद जहीर की सबसे बडी बेटी, JNU मे Biochemistry की प्रोफेसर है , जो कि छात्रों को हिन्दू विरोधी, संध विरोधी और भाजपा विरोधी मानसिकता का ज्ञान भी दे रही है ၊

2- दूसरी बेटी नसीम भाटिया है.

3- सज्जाद जहीर की तीसरी बेटी है, नादिरा बब्बर जिसने फिल्म एक्टर और कांग्रेस सांसद राज बब्बर से शादी की है, इनके दो बच्चे है, आर्य बब्बर और जूही बब्बर.

4- सज्जाद जहीर की चौथी और सबसे छोटी बेटी का नाम है नूर जहीर, ये मोहतरमा भी लेखिका है, और JNU से जुडी है.

चौथी बेटी नूर जहीर ने शादी नही की और जीवन भर अविवाहित रहने का फैसला किया , जिस  फैसले पर वो आज भी कायम है।

चूँकि नूर जहीर ने शादी ही नही की, तो बच्चो का तो सवाल ही पैदा नही होता.

मगर रूकिये,

अविवाहित होने के बावजूद, नूर जहीर के चार बच्चे है, वो भी चार अलग - अलग पुरूषो से.

इन्ही नूर जहीर और ए. दासगुप्ता की दूसरी संतान है पंखुडी जहीर.

ये वही पंखुडी जहीर है, जिसने कुछ ही वर्षो पहले दिल्ली मे संघ कार्यालय केशव कुञ्ज के सामने खुलेआम चूमा- चाटी के लिए , किस ऑफ लव (Kiss of Love) के नाम से इवेंट आयोजित किया था।

जी हाँ, ये वही है जो कन्हैया कुमार वाले मामले में सबसे ज्यादा उछल कूद मचा रही थी।

इसे JNU मे कन्हैया कुमार की सबसे विश्वश्त सहयोगी माना जाता है।
खुलेआम सिगरेट , शराब, और अनेकों व्यसनों  की शौकीन.
बिन ब्याही माँ की, दो अलग अलग पुरूषों से उत्पन्न चार संतानों मे से एक ၊
इन्ही जैसे लोगो ने JNU की इज्जत मे चार चाँद लगा रखे है.

पाकिस्तान मे कम्युनिस्ट पार्टी आज तक 01% वोट भी नही जुटा पाई, कुल 176 वोट मिलते है इन्हे.
और पाकिस्तानी सज्जाद जहीर की औलादें, कम्युनिस्टो का चोला पहनकर भारत की बर्बादी के नारे लगा रही हैं.
समझ मे आया ??
JNU के कामरेडो का पाकिस्तान प्रेम और कश्मीर के मुद्दे पर नौटंकी करने का असली उद्देश्य क्या है ???

क्या कारण है कि ये पंखुडी दासगुप्ता ना लिखकर खुद को पंखुडी जहीर लिखती है ??
क्योंकि कोई सवाल न पूछ ले ???

और हाँ, इसकी सगी मौसी के लड़के, नादिरा बब्बर और राज बब्बर की संतान, फिल्म एक्टर आर्य बब्बर का घर का नाम सज्जाद है.

ये एक उदाहरण काफी है , यह समझने के लिए कि जेएनयू है तो भारत की यूनिवर्सिटी परन्तु यहां देशहित में किए गए हर काम का विरोध क्यों होता हैं ????
आतंकवादी मरे तो मातम ၊
फौजी मरे तो जलसा
मुस्लिम बलात्कारी हो तो ईनाम ( केजरीवाल ने दिल्ली में दिया , यहां आपको यह भी बता दूं कि केजरीवाल भी इन्हीं देश विरोधी लोगों का संरक्षक है ၊
(कन्हैया कुमार के ऊपर अब तक देशद्रोह का केस चलने की इजाजत न देना, मेरी इस बात को पुख्ता करता है )
इसी जेएनयू के छात्रों और प्रोफसरों ने  ने पूरे देश में शांत पडे मुस्लिमों को पूरे षणयंत्र के तहत भडकाया और जामिया, एएमयू , जेएनयू में हिंसा कराई ၊
इन्हीं की देखरेख में देश के कई हिस्सों में मुस्लिम महिलाएं सीएए व एनआरसी के विरोध में धरने प्रर्दशन कर रहीं है , जिनके लिए मीडिया की भी व्यवस्था इन्हीं वामपंथियों द्वारा की जा रही है ၊
ये वामपंथी नाम बदलकर, पहचान छुपाकर. प्रोफेसर, पत्रकार, एक्टर , कवि , राजनैतिक नेता बनकर देश को खोखला करने में लगे हैं और देशहित का जिम्मा केवल एक मोदी सरकार या संघ ( RSS ) पर छोडकर घर में आराम बैठे है ၊

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