डाँ समित शर्मा जी सर ( जिन्हें Pride of India ओर मेडिसिन मैन भी कहा जाता है) कैसे साधारण से असाधारण व इंविंसिबल इंडियन बने
डाँ समित शर्मा जी सर ( जिन्हें Pride of India ओर मेडिसिन मैन भी कहा जाता है) कैसे साधारण से असाधारण व इंविंसिबल इंडियन बने
अजमेर के निवासी डाँ समित शर्मा जी ने अपने कैरियर की शुरुआत एक शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर से की, वे चाहते तो सिर्फ शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर बनकर सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करते ओर जीवन गुजार देते जैसे दुसरे डाक्टर करते है लेकिन उनका जन्म मानव कल्याण के लिए हुआ इसलिए वे रुके नहीं, अपना कर्म ईमानदारी निष्ठा समर्पण भावना से करते रहे ओर स्थ ही सिविल सर्विस सेवा परिक्षा दी ओर प्रतियोगिता टोप कर चयनित हुये, IAS बने, राजस्थान कैडर चुना
चितौडगढ जिले में पहली पोस्टिंग मिली, वे चाहते तो सिर्फ कलेक्टर बनकर अपना जीवन गुजार देते जैसे अन्य अधिकारी करते है लेकिन उनका जन्म मानव कल्याण के लिए हुआ इसलिए वे यहां भी रुके नहीं, दुसरे अधिकारी बस आफिस ओर घर ओर गाड़ी तक सिमट कर जाते है वैसे नहीं बने बल्कि कलेक्टर रहकर वो किया जो पहले किसी कलेक्टर ने नहीं किया उन्होंने हर विभाग का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया दिन हो या रात आम आदमी बनकर हर विभाग में पहुंच जाते देखते ही देखते चितौडगढ में खलबली मच गयी ओर इसका असर भी हुआ अधिकारी ओर कर्मचारी समय पर आफिस आने लगे, उन्होंने यहां से पहली बार वो क्रांतिकारी कदम उठाया जो आज पूरे भारत में उनकी देन है "जेनरिक दवाइया"
उन्होंने चितौडगढ के सभी सरकारी अस्पताल में डाक्टरों को पाबंद किया की डाक्टर सिर्फ जेनरिक दवा ही लिखेगे
जेनरिक दवा दवाइयों का मूल साल्ट होता है ओर यह दवाई ब्रांडेड दवाइयों से कई गुना सस्ती होती है
इसके लिए जेनरिक दवा स्टोर भी खुले ओर वहां पर जेनरिक दवाइयों के फायदे बताये गये
एक साल में ही समित सर का चितौडगढ से नागौर ट्रांसफर हो गया यहां पर भी उन्होंने हर विभाग का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया व सभी विभागों में बायोमीट्रिक हाजिरी शुरू की
अधिकारी व नेताओं में हड़कंप मच गया
हर विभाग के बाहर लिखा गया "कोई रिश्वत ना दे अगर कोई मांगे तो मुझे बताये"
यहां पर भी हर सरकारी अस्पताल में जेनरिक दवाइयों ही डाक्टर लिखे इसके लिए सभी डाक्टरों को पाबंद किया गया देखते ही देखते हजारों लोगों को जेनरिक दवाइयों का फायदा मिलने लगा
सरकार की नजर इस जनकल्याणकारी योजनाओं पर पडी सरकार ने इसे तुरंत प्रभाव से समीक्षा कर दस जिलों में लागू किया, सभी जिले में जेनरिक दवा स्टोर खोले, लाखों लोगों को सीधा सीधा फायदा हुआ
सोजत अस्पताल में भी 2010 में जेनरिक दवाइयों की दुकान खुली जिसके फायदे आज भी दुकान के बाहर लिखे है जहां अब निशुल्क दवा वितरण योजना की दुकान स्थापित है
डाँ समित शर्मा सर को बेस्ट कलेक्टर अवार्ड मिला
RMSC में निदेशक बनाया गया
यहां से उन्होंने देश में मेडिकल क्षेत्र में एक क्रांतिकारी व ऐतिहासिक परियोजना बनाई *निशुल्क दवा वितरण योजना* जिसे आज भारत सरकार व अन्य राज्य सरकार समीक्षा कर अपना रही है
मनरेगा आयुक्त रहते पहली बार नरेगा में काम करने वाले आदमियों की इलेक्ट्रॉनिक हाजरी शुरू की तो भष्टाचार पर लगाम लगी
जो काम करेगा उसे ही इनाम(पेमेंट) मिलेगा
सामाजिक न्याय विभाग
बाल एंव महिला समेकित विभाग में निदेशक रहते हुये भी कई योजनाओं को अमलीजामा बनाया ओर सफलतम लागू किया
ओर अब MD NHM व विशिष्ट सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रहते हुये पांच महिने में वो कर दिखाया जो आजादी के बाद से आजतक भी कोई नहीं कर सके
डा समित सर व उनकी टीम ने पूरे राजस्थान के PHC CHC SDH DH व सेटेलाइट हॉस्पिटल का निरीक्षण दौरा कर दिया है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ
पहली बार राजस्थान में सरकारी अस्पतालों की रेटिंग व्यवस्था लागू हुई जिससे सरकारी अस्पतालों का स्तर व गुणवत्ता में बहुत कम समय में परिवर्तन बदलाव वाले सकारात्मक नतीजे आये
हर अधीनस्थ विभाग में समय की पाबंदी लागू की गयी है
डाँ समित जी शर्मा ने भारत को अभी तक निम्न प्रमुख परियोजना दी है जो उनकी देन है
1 जेनरिक दवाइयों व निशुल्क दवा वितरण योजना
2 सिविल सर्विस क्षेत्र व विभागों में पारदर्शिता लाने के लिए किये गये अनूठे प्रयोग के लिए
3 राजस्थान में सबसे पहले बायोमीट्रिक हाजिरी की शुरुआत कर व्यवस्था में पारदर्शिता लाने का क्रांतिकारी प्रयास जो आज सभी डिपार्टमेंट में लागू हो गया है
इसलिए डाँ समित शर्मा सर को Pride of India ओर मेडिसिन मैन के उपनाम से जाना जाता है जिनके लिए कर्म ही सर्वोपरि व पूजा है, कर्म का ईमानदारी निष्ठा समर्पण से कर्तव्यनिर्वाह ही जीवन है
हर साधारण आदमी में असाधारण व इंविंसिबल प्रतिभा होती है
कुछ साधारण से असाधारण व अद्भुत बन जाते हैं जैसे डाँ समित शर्मा सर
ओर बाकी सब बस जीवन यापन तक सिमट कर रह जाते है।
इंविंसिबल इंडियन/ Pride of India /मेडिसिन मैन को सलाम है
मुझे गर्व है *He is my Best Hero*
*He is the great & Best and the Real Peoples Hero*
#Author by Bhajan Lal Indlia
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